#NepalGenZ: एक नई पीढ़ी, एक नई जंग

नेपाल में Gen Z क्रांति: जब युवाओं ने लिखी बदलाव की कहानी

​आज की दुनिया में Gen Z सिर्फ एक पीढ़ी नहीं, बल्कि एक बदलाव का प्रतीक बन चुकी है। ये वो युवा हैं जो इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के साथ बड़े हुए हैं। इन्हें "डिजिटल नेटिव" भी कहा जाता है। दुनिया भर में, ये युवा अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं, सामाजिक मुद्दों पर बात कर रहे हैं और पारंपरिक सोच को चुनौती दे रहे हैं। नेपाल में भी, इस पीढ़ी ने अपनी ताकत का एहसास करवाया है और देश की राजनीति और समाज में एक नई लहर लाई है।

​Gen Z कौन हैं?

​Gen Z, या "जनरेशन ज़ेड", उन लोगों को कहा जाता है जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है। नेपाल में इस पीढ़ी ने बहुत कुछ देखा है। 2006 में राजशाही का अंत, 2015 का विनाशकारी भूकंप और उसके बाद राजनीतिक अस्थिरता। ये ऐसे युवा हैं जो पुरानी पीढ़ियों की तरह चुपचाप सहन करने के बजाय सवाल पूछते हैं और जवाब चाहते हैं।

​नेपाल की Gen Z ने क्या किया?

​हाल ही में, नेपाल की Gen Z ने देश को दिखाया कि वे अब निष्क्रिय दर्शक नहीं रहेंगे। उन्होंने अपनी आवाज को सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक पहुंचाया।

​1. सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ विरोध

​कुछ समय पहले, जब नेपाल सरकार ने कई प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया, तो यह Gen Z के लिए "अंतिम प्रहार" जैसा था। उनके लिए सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि शिक्षा, रोजगार और अपनी बात रखने का मंच है। यह प्रतिबंध भ्रष्टाचार और सामाजिक असमानता के खिलाफ उनके गुस्से की चिंगारी बन गया। हजारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए और उन्होंने नारा लगाया, "भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया नहीं!"

​2. भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर आंदोलन

​नेपाल में Gen Z की सक्रियता का एक बड़ा कारण दशकों से चला आ रहा भ्रष्टाचार है। "नेपो किड्स" (Nepo Kids) का ट्रेंड इसका एक बड़ा उदाहरण है। सोशल मीडिया पर #NepoKids हैशटैग के जरिए युवाओं ने राजनेताओं के बच्चों की विलासिता भरी जीवनशैली को उजागर किया। उन्होंने दिखाया कि कैसे ये लोग जनता के पैसे से ऐश कर रहे हैं, जबकि आम नेपाली युवा बेरोजगारी और अवसरों की कमी से जूझ रहा है। इस डिजिटल विरोध ने लोगों को एकजुट किया और सड़क पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए, जिसने पूरे देश को हिला दिया।

​3. डिजिटल एक्टिविज्म और एकता

​Gen Z के आंदोलन की सबसे खास बात यह है कि ये "नेतृत्वविहीन" हैं। यानी, इनका कोई एक नेता नहीं है। ये युवा सोशल मीडिया जैसे Discord और Instagram का इस्तेमाल करके खुद को संगठित करते हैं। उन्होंने Hami Nepal जैसे स्वयंसेवी समूहों के साथ मिलकर काम किया है, जिसने 2015 के भूकंप के बाद से ही समाज सेवा का काम किया है। उन्होंने अपनी बात रखने के लिए रचनात्मक तरीकों का इस्तेमाल किया, जैसे एनीमे (Anime) के लोकप्रिय पात्रों से प्रेरित होकर "स्ट्रॉ हैट जॉली रोजर" (Straw Hat Jolly Roger) का झंडा लहराना, जो सत्ता के खिलाफ विद्रोह का प्रतीक है।

​चुनौतियां और भविष्य

​इसमें कोई शक नहीं कि नेपाल की Gen Z ने देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक नई जान फूंकी है। उन्होंने अपनी डिजिटल शक्ति का उपयोग कर दिखाया है कि वे बदलाव लाने में सक्षम हैं। लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं, जैसे:

  • रोजगार की कमी: हर साल हजारों युवा बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश जा रहे हैं।
  • राजनीतिक अस्थिरता: देश में लगातार बदलती सरकारें युवाओं की उम्मीदों को तोड़ रही हैं।
  • हिंसा: कुछ विरोध प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने से यह सवाल उठता है कि क्या ये आंदोलन अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएंगे।

​हालांकि, इन चुनौतियों के बावजूद, नेपाल के युवाओं में एक नई आशा जगी है। वे अब सिर्फ शिकायत नहीं कर रहे, बल्कि समाधान का हिस्सा बनना चाहते हैं। Gen Z ने देश को एक संदेश दिया है: यह पीढ़ी अपनी आवाज को दबाने नहीं देगी, और वह एक ऐसे नेपाल का निर्माण करेगी जहाँ पारदर्शिता, जवाबदेही और अवसर सभी के लिए हों।

​Gen Z की इस क्रांति पर आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि वे नेपाल के भविष्य को बदल सकते हैं?

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