कौन है नेपाल की नई पीएम: सुशीला कार्की

नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री: सुशीला कार्की

​नेपाल की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है। देश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक अस्थिरता के बाद, नेपाल को अपनी पहली महिला प्रधानमंत्री मिली हैं - सुशीला कार्की

​पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुकी सुशीला कार्की को देश का अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। यह फैसला कई दिनों की उथल-पुथल के बाद आया, जब युवाओं के नेतृत्व में हुए Gen-Z आंदोलन के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

​कौन हैं सुशीला कार्की?

​सुशीला कार्की का नाम नेपाल के न्यायिक इतिहास में बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। वह न केवल सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश रही हैं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने सख्त रुख के लिए भी जानी जाती हैं। उन्होंने 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनकर इतिहास रचा था। उनका राजनीतिक अनुभव भले ही कम हो, लेकिन उनकी बेदाग छवि और न्याय के प्रति उनका समर्पण ही उन्हें इस मुश्किल समय में देश की बागडोर संभालने के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है।

सुशीला कार्की का जीवन परिचय

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

जन्म: सुशीला कार्की का जन्म 1952 में नेपाल के विराटनगर में हुआ था।  

पारिवारिक पृष्ठभूमि: उनके पिता किसान थे और वह सात भाई-बहनों में से एक हैं। उनका परिवार नेपाल कांग्रेस के संस्थापक बीपी कोइराला से निकट रूप से जुड़ा हुआ था।

शिक्षा: उनके पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बनें, लेकिन उन्होंने कानून की पढ़ाई करने का फैसला किया। उन्होंने नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की।

कानूनी और राजनीतिक करियर

न्यायपालिका में योगदान: सुशीला कार्की ने अपने कानूनी करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। वह अपनी निडरता और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं।  

मुख्य न्यायाधीश: 2016-2017 के दौरान वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने न्यायपालिका में स्वतंत्रता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कई सराहनीय काम किए।  

​Gen-Z आंदोलन की जीत

​नेपाल में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंधों से हुई थी। लेकिन यह गुस्सा सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ एक बड़े आंदोलन में बदल गया। इस आंदोलन में युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और यह उनकी ही मांग थी कि किसी ऐसे व्यक्ति को सत्ता सौंपी जाए, जो राजनीतिक गुटबाजी से परे हो और देश को सही दिशा में ले जा सके। सुशीला कार्की का चयन इस आंदोलन की एक बड़ी जीत माना जा रहा है।

​आगे की राह

​अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की की सबसे बड़ी चुनौती देश में जल्द से जल्द चुनाव कराना और राजनीतिक स्थिरता लाना है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संसद को भंग कर दिया है और अगले चुनाव की तारीख 5 मार्च, 2026 तय की है। ऐसे में, कार्की की सरकार को अगले कुछ महीनों में देश को सही राह पर लाना होगा ताकि लोकतंत्र और स्थिरता फिर से कायम हो सके। उनका चयन महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है और यह नेपाल की नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है।  

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